महंत श्री देवेंद्रप्रसादाचार्य जी महाराज

पुराणों में सात मोक्षदायिनी पुरियों का वर्णन है. जिसमें से अयोध्या जी का स्थान सर्वप्रथम है. मोक्षदायिनी पुरी का अर्थ है जिस स्थान पर पुण्य नदी विद्यमान हो जिसमें भगवान का जन्म हुआ हो या भगवान का धाम हो और साथ ही जिसका पौराणिक महत्त्व हो और जिस स्थान पर जप-तप-दान महत्त्व तथा वेद पुराण जिसकी पुष्टि करते हों ..

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